"अरविंद केजरीवाल"

एक नवयुवक जगा होश में दिल्ली ऐसी थर्राई अन्ना साथ अनशन किया न मन चाही विजय मिल पाई वक्त बिताएँ मन को तसल्ली दे बैठन की उसमें क्षमता नहीं हो खड़ा जनमंच में आम आदमी पार्टी बनाई दिल्ली को दिया भरोसा जन बहुमत से विजय पाई बीच-बीच में गिरता उठता संभल गया वह नवयुवक पार्टी में गद्दार लोगों को एक किनारा दिखलाई न हुआ अब तक दिल्ली का सुल्तान कुतुब इल्तुश तुगलक नहीं भविष्य बना ऐसा दिल्ली का केजरीवाल बना परछाई - कवि यीतेश्वर निखिल