मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना

मेरे मरने के बाद 
मेरी कहानी लिखना 
गमों में डूबी हुई  
मेरी जिन्दगानी लिखना। 
लिखना के मेरे होठ 
कैसे हँसी को तरसे
कैसे आँख से बहता था 
पानी लिखना। 
जब भी मेरी तरफ कोई 
प्यार से देखता था
मेरी आँख से बहती 
मेरी मेहरबानी लिखना। 
लिखना की 
मुझे मोहब्बत हुई थी 
उस मोहब्बत में हुई 
नकामी लिखना। 
लिखना के मुझे 
कोई समझ न पाया
तुम करते थे 
मेरी परवाह लिखना। 
मेरे पल पल से तुम वाकिफ हो 
इसलिए 
मेरी कहानी 
अपनी जुबानी लिखना। 
मेरे मरने के बाद 
मेरी कहानी लिखना 
गमो में डूबी हुई 
मेरी जिन्दगानी लिखना



-कवियत्री गुलबदन गजल बेगम

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